PWM vs MPPT solar inverter के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

PWM vs MPPT solar inverter क्या है ?

PWM VS MPPT solar inverter

PWM vs MPPT solar inverter क्या है ? ऑफग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी चार्जिंग एक महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए, आपके सिस्टम में सही सोलर इन्वर्टर अथवा चार्ज कंट्रोलर शामिल करना बहुत जरूरी है। एक सोलर चार्ज कंट्रोलर आपके सोलर पैनलों और बैटरियों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। इसका प्राथमिक कार्य सोलर पैनल आउटपुट को अनुकूलित करते हुए बैटरी की ओवर चार्जिंग को रोकना है। सोलर चार्ज कंट्रोलर एक ऐसी डिवाइस है जिसकी सहयता से आप अपने सामान्य इन्वर्टर को भी सोलर इन्वर्टर में बदल सकते है। सोलर चार्ज कंट्रोलर मुख्यतः दो प्रकार के होते है – PWM और MPPT solar inverter

इस आर्टिकल में हम आपको PWM vs MPPT solar inverter के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे ताकि आप अपने सोलर सिस्टम के लिए एक उपयुक्त सोलर चार्ज कंट्रोलर खरीद सकें। इस लेख में हमने उदाहरण के साथ आपको दोनों का अंतर समझाने की कोशिश की है। 

PWM सोलर चार्ज कंट्रोलर

PWM की फुल फॉर्म पल्स विड्थ मॉड्यूलेशन (Pulse Width Modulation) है। ये चार्ज कंट्रोलर तेजी से स्विचिंग करके बैटरी चार्जिंग को नियंत्रित करते हैं। यह वोल्टेज या करंट को नियंत्रित नहीं कर सकता है। यदि 24 वोल्ट का सोलर पैनल पीवी चार्ज कंट्रोलर के माध्यम से 12 वोल्ट की बैटरी से जुड़ा है, तो यह केवल 12 वोल्ट आउटपुट प्रदान करता है। यह केवल बेट्टेरी की चार्जिंग और डिस्चार्जिंग को ही कंट्रोल कर सकता है। इसी वजह से ये चार्ज कंट्रोलर आपके सोलर पैनल से अधिकतम आउटपुट नहीं निकल पाते है। ये चार्ज कंट्रोलर बड़े सोलर सिस्टम के लिए ज्यादा अनुकूल नहीं होते है।

MPPT सोलर चार्ज कंट्रोलर

एमपीपीटी (MPPT) की फुल फॉर्म मैक्सिमम पावरपॉइंट ट्रैकिंग (Maximum Power Point Tracking) है। MPPT चार्ज कंट्रोलरों में उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाता है। ये चार्ज कंट्रोलर्स सोलर इनपुट वोल्टेज को लगातार एडजस्ट करके सोलर पैनलों से अधिकतम पावर निकालते हैं। ये विभिन्न परिस्थितियों में ऑप्टीमल ऑपरेटिंग पॉइंट को सक्रिय रूप से ट्रैक करते हैं। इनकी दक्षता PWM चार्ज कंट्रोलर्स की तुलना में अधिक होने के कारण, ये बैटरियों को जल्दी चार्ज करते हैं। इनकी प्रारंभिक लागत अधिक होती है परन्तु ये दीर्घकालिक ऊर्जा बचत में फायदेमंद होते हैं।

PWM vs MPPT अंतर को एक उदाहरण से समझें

चलिए, दोनों चार्ज कंट्रोलर के अंतर को एक उदाहरण से समझते है –

जैसाकि pic 1 में दिखाया गया है यदि एक PWM चार्ज कंट्रोलर को एक सोलर पैनल तथा बैटरी से जोड़ा जाता है, जहाँ सोलर पैनल की आउटपुट पावर 100 watt, करंट 5 amp तथा वोल्टेज रेटिंग 20 volt है और बैटरी की वोल्टेज 12 volt है, तो ये चार्ज कंट्रोलर 5 amp और 12 volt से बैटरी चार्ज करेगा। अर्थात चार्ज कंट्रोलर की आउटपुट पर केवल 60 watt पावर ही प्राप्त होगी और इस तरह 100 -60 = 40 watt पावर बर्बाद हो जाएगी।

PWM VS MPPT solar inverter

अब, यदि PWM चार्ज कंट्रोलर को MPPT चार्ज कंट्रोलर से रिप्लेस कर दिया जाये तो यह MPPT चार्ज कंट्रोलर मैक्सिमम आउटपुट प्रदान करने के लिए आउटपुट करंट को वोल्टेज के अनुसार परिवर्तित कर देता है। आईये अब उसी उदाहरण से MPPT चार्ज कंट्रोलर को समझते है – pic 2 को देखिये यहाँ भी सोलर पैनल 100 watt का है तथा बैटरी वोल्टेज 12 volt ही है परन्तु चार्ज कंट्रोलर के आउटपुट पर हमें करंट बढ़कर 8.3 amp प्राप्त हो रही है जिससे हमें सोलर पैनल की रेटेड पावर के बराबर ही आउटपुट प्राप्त हो रही है और हमें पावर का कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ा।

PWM VS MPPT solar inverter

PWM vs MPPT solar inverter में अंतर

कारकMPPT सोलर चार्ज कंट्रोलरPWM सोलर चार्ज कंट्रोलर
प्रक्रियाएमपीपीटी चार्ज कंट्रोलर सोलर पैनल की ऊर्जा से उपलब्ध वोल्टेज और करंट को नियंत्रित करता है। यह सोलर पैनल से अधिकतम बिजली निकालने और बैटरी को ऑप्टिमम वोल्टेज और करंट पर चार्ज करने का प्रयास करता है।पीडब्लूएम चार्ज कंट्रोलर सोलर पैनल की ऊर्जा को एक स्थिर वोल्टेज पर कैप्चर करता है और बैटरी को चार्ज करने के लिए इसे बैटरी वोल्टेज पर स्थिर करता है। इस प्रक्रिया में सोलर पैनल की सम्पूर्ण आउटपुट का इस्तेमाल नहीं होता। 
लागतएमपीपीटी चार्ज कंट्रोलर्स कहीं ज्यादा मंहगे होते है। इनकी कीमत PWM कंट्रोलर्स से 2 से 3 गुना तक हो सकती है।PWM चार्ज कंट्रोलर्स सस्ते होते हैं।
अनुप्रयोग  एमपीपीटी कंट्रोलर्स महत्वपूर्ण उपकरणों या सेवाओं का समर्थन करने वाले ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम्स के लिए आवश्यक हैं। ये ठंडी जलवायु और भारी छाया वाले क्षेत्रों सहित प्रतिकूल परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।ये छोटे सोलर सिस्टम के लिए ज्यादा उपयुक्त होते हैं। ये गैर-आवश्यक प्रकाश व्यवस्था, विद्युत द्वार, सिंचाई स्टेशन और विद्युत बाड़ जैसे अनुप्रयोगों के लिए ज्यादा बेहतर होते हैं।
सीमाएं एमपीपीटी चार्ज नियंत्रकों के उपयोग को समझने और नियंत्रित करने के लिए थोड़े समय और ज्ञान की आवश्यकता होती है ताकि इनका इस्तेमाल उचित तरीके से किया जा सके। इनका दायरा सीमित है और ये बड़ी, उच्च मांग वाली प्रणालियों के लिए उपयुक्त नहीं हैं।

PWM vs MPPT सही चुनाव कैसे करें?

लागत बनाम दक्षता: हालाँकि लागत मायने रखती है, लेकिन यदि आप लंबे समय तक सोलर सिस्टम का उपयोग करना चाहते हैं तो बड़ी तस्वीर पर विचार करें। ऐसे में ज्यादा पावर वाला डिवाइस आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है।
सिस्टम का आकार और विकास: यदि आपके पास कई पैनलों वाला एक बड़ा सोलर सिस्टम है या आप इसका विस्तार करने की योजना बना रहे हैं, तो MPPT सबसे अच्छा विकल्प है।
छोटे सिस्टम: छोटे सेटअपों के लिए, जहाँ लागत-प्रभावशीलता (cost-effectiveness) महत्वपूर्ण है, एक PWM कंट्रोलर अधिक उपयुक्त है।

निष्कर्ष

आशा है आपको PWM vs MPPT की सम्पूर्ण जानकारी मिल चुकी होगी। MPPT और PWM दोनों चार्ज कंट्रोलर्स सोलर सिस्टम में सोलर एनर्जी को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने , कुशलतापूर्वक बैटरी चार्जिंग करने और आपके सोलर सिस्टम के जीवनकाल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं । MPPT आपके सोलर सिस्टम की पूरी क्षमता को अनलॉक करता है, जबकि PWM छोटे अनुप्रयोगों के लिए विश्वसनीय प्रदर्शन प्रदान करता है। इसलिए, चाहे आप परफॉरमेंस देखें या बजट, अपनी यूनिक सोलर आवश्यकताओं के आधार पर ही निर्णय लें। याद रखें, PWM vs MPPT का विकल्प आप की सोलर दक्षता (efficiency) पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। बुद्धिमानी से चुनाव करें !

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